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Sunday, 10 July 2016

* शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर रोष

शिक्षाा विभाग की ढीली कार्यप्रणाली का खामियाजा हजारों टीजीटी को भुगतना पड़ेगा जिन्हें वरिष्ठ होते हुए भी अभी तक पदोन्नति नहीं दी गई। शिक्षा विभाग शिक्षा मंत्री ने 8 हजार मास्टरों को पीजीटी बनाने का प्रचार करते हुए खूब वाहवाही लूटने का प्रयास किया, लेकिन हकीकत में केवल 21 सौ मास्टरों को पदोन्नति मिली है।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ कैथल जिला प्रधान सतबीर गोयत , सचिव बूटा सिंह व प्रेस प्रवक्ता रामपाल ने संयुक्त प्रेस बयान में कहा है कि 4098 टीजीटी की पदोन्नति को विभागीय पदोन्नति समिति ने 2 महीने से मंजूरी प्रदान की हुई है, परन्तु पहली सूची वालों को तो ज्वाइन करवा लिया जबकि शेष की पदोन्नति के लिए विभाग के कानों पर जूं भी नहीं रेंग रही। इससे कई तरह के नुकसान होने वाले हैं।
पहले पदोन्नत मनपसंद स्टेशन चुन लेंगे,बाद में पदोन्नत को दूर दराज के स्टेशन मिलेंगे। ऐसे में विवाद होना संभावित है।
जूनियर, अपने सीनियर से सीनियर हो जाएंगे, ट्रांसफर पाॅलिसी में टीजीटी के रूप में बदली का सामना करना पड़ेगा,बाद में प्रमोशन में नया स्टेशन चुनना होगा।
टीजीटी के पद खाली हो जाने से बच्चों को अध्यापक से वंचित रहना पड़ सकता है। मौलिक अधिकार का हनन होने से कोर्ट में भी चुनौती दी जा सकती है। संघ मांग करता है कि शेष पदोन्नति सूची शीघ्र जारी की जाए, ताकि वे भी अन्य पीजीटी के साथ ट्रांसफर आप्शन भर सकें।

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